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तंजांजलि

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व्यंग्य का संसार: ‘तन्जानजली’ -
साहित्य की दुनिया में व्यंग्य विधा का अपना एक खास स्थान है। यह समाज की विसंगतियों, बुराइयों और हास्यास्पद पहलुओं को उजागर करने का सशक्त माध्यम है। इसी विधा में एक नया और ताज़ा नाम जुड़ा है – ‘तन्जानजली’। इस पुस्तक की लेखिका श्रीमती बीना सिंह मंगल ने अपने प्रथम व्यंग्य संग्रह के माध्यम से समाज को आईना दिखाने का काम किया है।
पुस्तक का परिचय -
‘तन्जानजली’ एक व्यंग्य संग्रह है जो पंख प्रकाशन द्वारा प्रकाशित किया गया है। यह पुस्तक अपनी कविताओं के माध्यम से विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक और मानवीय पहलुओं पर गहरी दृष्टि डालती है। लेखिका ने अपने सरल लेकिन तीखे अंदाज में व्यंग्य की परंपरा को न केवल जीवित रखा है, बल्कि उसमें एक नया आयाम भी जोड़ा है।
लेखिका के बारे में -
श्रीमती बीना सिंह मंगल एक प्रतिभाशाली जनवादी लेखिका हैं, जिन्होंने व्यंग्य विधा को अपनी लेखनी से समृद्ध किया है। उनकी लेखन शैली इतनी प्रवाहमयी और प्रभावशाली है कि पाठक को यह सोचने पर मजबूर कर देती है कि समाज में हो रही घटनाओं का असली चेहरा क्या है। उनकी रचनाओं में हास्य और गंभीरता का बेहतरीन मिश्रण देखने को मिलता है।
प्रकाशन और मूल्य -
‘तन्जानजली’ को पंख प्रकाशन द्वारा प्रकाशित किया गया है। यह पुस्तक पाठकों के लिए 350 रुपये में उपलब्ध है। व्यंग्य प्रेमियों के लिए यह पुस्तक एक संग्रहणीय कृति है जो उनके पुस्तकालय की शोभा बढ़ाएगी।

पुस्तक विवरण

लेखक :
बीना सिंह मंगल
प्रकाशक :
पंख प्रकाशन
प्रकाशित तिथि :
प्रकाशित हो चुकी है |
भाषा :
हिंदी
पृष्ठों की संख्या :
232
ISBN :
978-93-94878-48-8

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